Class 10 Civics Notes
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Class 10 Civics chapter 1 Notes in Hindi || सत्ता की साझेदारी नोट्स
सत्ता की साझेदारी Class 10 Notes || Class 10 Civics Chapter 1 Summary in Hindi
☆ महत्वपूर्ण बिंदु (नोट्स = Notes)
☞ बेल्जियम और श्रीलंका
➩ बेल्जियम
-- बेल्जियम यूरोप का एक छोटा सा देश है, इसका क्षेत्रफल हरियाणा राज्य से भी छोटा है।
-- बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स है।
-- बेल्जियम कि सीमा रेखाएं फ्रांस, नीदरलैंड जर्मनी और लक्समबर्ग से लगती है।
-- इसकी आबादी एक करोड़ से थोड़ी अधिक है यानी हरियाणा की आबादी से करीब आधी।
-- बेल्जियम के समाज की जातीय बुनावट बहुत जटिल है।
➢ जातीय या एथनीक :- ऐसा समाजिक विभाजन जिसमें हर समूह अपनी - अपनी संस्कृति को अलग-अलग मानता है यानि यह साझी संस्कृति पर आधारित सामाजिक विभाजन हैं।
-- बेल्जियम के कुल आबादी की 59% आबादी फ्लेमिश में रहती हैं और डच भाषा बोलती है।
-- लगभग 40% आबादी वेलोनिया क्षेत्र में रहती हैं और फ्रेंच भाषा बोलती है।
--- जबकि बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में 80% आबादी फ्रेंच भाषी है जबकि 20% डच भाषी लोग हैं।
-- अल्पसंख्यक फ्रेंच - भाषी लोग तुलनात्मक रुप से ज्यादा समृद्ध और ताकतवर रहे हैं।
-- बहुत बाद में जाकर आर्थिक विकास और शिक्षा का लाभ पाने वाले डच - भाषी लोगों को इस स्थिति से नाराजगी थी। इसके चलते 1950 से 1960 के दशक में फ्रेंच और डच बोलने वाले समूहों के बीच तनाव बढ़ने लगा। डच भाषी लोग देश में बहुमत में थे परंतु राजधानी ब्रुसेल्स में अल्पमत में थे।
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➩ श्रीलंका
-- श्रीलंका एक द्वीपीय देश है जो भारत के दक्षिणी तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
-- इसकी आबादी करीब 2 करोड़ है। दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तरह श्रीलंका की आबादी में भी कई जातीय समूह के लोग है।
-- श्रीलंका में सबसे प्रमुख सामाजिक समूह सिंहलियों का है जिनकी जनसंख्या कुल आबादी का 74% (फिसदी) है। 18% (फिसदी) जनसंख्या तमिलों की है। श्रीलंका की आबादी में ईसाई लोगों का हिस्सा 7 फिसदी है और वे सिंहली और तमिल दोनों भाषाएं बोलते हैं।
- तमिल में भी दो समूह हैं - जिसमें 13 फ़ीसदी श्रीलंकाई मूल तमिल है और अन्य हिंदुस्तानी तमिल है।
-- सिंहली भाषी लोग बौद्ध हैं जबकि तमिल भाषी लोगों में कुछ हिंदू और कुछ मुसलमान है।
पूरा अध्याय एवं नोट्स बारिकी से आसान भाषा में समझने के लिए विडियो देखें:-
☞ श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद
➩ सन् 1948 में श्रीलंका एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
➩ सिंहली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहु संख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाना चाहते थे, अतः लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार ने सिंहली समुदाय के प्रभुता करने के लिए बहुसंख्यक परस्ती के तहत कदम उठाए।
➩ बहुसंख्यकवाद का अर्थ :- बहुसंख्यक समुदाय मनचाहे ढंग से देश का शासन चला सकता है और इसके वह अल्पसंख्यक समुदाय की जरूरत या इच्छाओं की अवहेलना कर सकता है।
➩ सिंहली समुदाय की सर्वोच्चता स्थापित करने हेतु 1956 में एक कानून पारित किया गया।
1956 के कानून के तहत :-
➢ सिहलियों को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया जिससे तमिलो की अवहेलना हुई।
➢ सिहलियों को विश्व विद्यालयों और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी गई।
➢ नए संविधान में यह प्रावधान किया गया कि सरकार बौद्ध मठ को संरक्षण और बढ़ावा देगी।
निष्कर्ष :- इन फैसलों और कानूनों से श्रीलंकाई तमिलों की नाराजगी और शासन को लेकर उसमें बेगानापन बढ़ गया। परिणाम स्वरूप तमिल और सिहंली समुदायों के बीच संबंध बिगड़ते चले गए।
➩ श्रीलंकाई तमिलों का संघर्ष
➢ इन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टियां बनाई।
➢ तमिल को राजभाषा बनाने, शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों की मांग को लेकर संघर्ष किया।
➢ 1980 के दशक तक उत्तरी - पूर्वी श्रीलंका में अनेक राजनीतिक संगठन बने ताकि स्वतंत्रता ईलम (सरकार) बनाए जा सकें।
➩ श्रीलंका में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप ले लिया जोकि श्रीलंका में ग्रहयुद्ध का कारण बन।
☞ बेल्जियम की समझदारी
➢ 1970 से 1993 के बीच बेल्जियम ने अपने संविधान में 4 संशोधन सिर्फ इसलिए किए ताकि देश में किसी को बेगानेपन का अहसास ना हो एवं सभी मिल - जुलकर रह सकें।
➢ बेल्जियम में टकराव को रोकने के लिए उठाए गए कदम (संविधान के 4 संशोधन):-
1. केंद्र सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या सम्मान कर दी गई।
कुछ विशेष कानून तभी बनाया जा सकता था जब दोनों भाषाई समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो, अतः इस प्रकार किसी एक समुदाय के लोग एकतरफा फैसला नहीं कर सकते थे।
2. केंद्र सरकार की अनेक शक्तियां देश के 2 इलाकों की क्षेत्रीय सरकार को दे दी गई। यानी राज्य सरकारें केंद्रीय, सरकार के अधीन नहीं है।
3. ब्रुसेल्स में अलग सरकार है इसमें दोनों समुदायों को समान प्रतिनिधित्व दिया गया।
4. केंद्रीय और राज्य सरकारों के अलावा यहां एक तीसरे स्तर की सरकार भी काम करती है जिन्हें सामुदायिक सरकार कहा जाता है।
इस सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं।
इस सरकार के पास सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा भाषी संबंधित शक्तियां है।
➢ जब अनेक यूरोपीय देशों के साथ मिलकर यूरोपीय संघ बनाने का फैसला किया गया तो ब्रुसेल्स को उसका मुख्यालय चुना गया।
➩ "साथ मिलकर" सरकार बनाने का उदाहरण है:- बेल्जियम, जर्मनी और भारत।
➩ "साथ आकर" संघ बनाने का उदाहरण है:- संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया इत्यादि।
☞ सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी है?
➩ युक्तिपरक तर्क
युक्तिपरक :- हानि लाभ का सावधानीपूर्वक हिसाब लगा कर लिया गया फैसला।
➢ विभिन्न सामाजिक समूह के बीच आपसी टकराव को कम करती है।
➢ राजनीतिक व्यवस्था को स्थायित्व प्रदान करती है।
➩ नैतिक तर्क
नैतिक तर्क :- नैतिक तर्क सत्ता के बंटवारे के अंतर भूत महत्व को बताता है।
➢ सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है।
➢ लोगों का अधिकार है कि उनसे अर्थात लोगों से सलाह ली जाए कि प्रशासन को किस प्रकार से शासन करना चाहिए।
➢ सरकार को वैधता प्रधान करता है।
☞ सत्ता की साझेदारी के रूप
➩ लोकतंत्र का एक बुनियादी सिद्धांत :- सारी राजनीतिक शक्ति का स्रोत जनता है।
➩ आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता की साझेदारी के रूप
➢ शासन के विभिन्न अंग; जैसे विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता के बंटवारे को क्षैतिज वितरण कहते हैं।
-- न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती हैं, पर न्यायपालिका ही कार्यपालिका और विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों पर अंकुश रखती हैं इस व्यवस्था को "नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था" भी कहते हैं।
➢ सरकार के बीच विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बंटवारा :-
1. पूरे देश के लिए बनने वाली सामान्य सरकार को संघ या केंद्रीय सरकार कहते हैं।
2. राज्यों के लिए प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारें होती है, प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों को हर जगह अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे भारत में इन्हें राज्य सरकार कहते हैं। उच्चतर और निम्नतम स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे को उर्ध्वाधर वितरण कहते हैं।
3. राज्य सरकार से नीचे के स्तर की सरकार को स्थानीय सरकार कहते हैं, जैसे:- ग्राम पंचायत, ब्लॉक समिति, जिला परिषद।
➢ सत्ता का बंटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच हो सकता है, जैसे :- बेल्जियम में सामुदायिक सरकार।
➢ विभिन्न सामाजिक समूहों - दबाव समूह एवं राजनीतिक दलों (पार्टियों) के बीच सत्ता का वितरण।
पाटियाँ सत्ता के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करती हैं, पार्टियों के बीच आपसी प्रतिद्वंद्विता ही यह सुनिश्चित करती है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में ना रहे।
लोकतंत्र में सरकार की विभिन्न समितियों में सीधी भागीदारी करके या नीतियों पर अपने सदस्य - वर्ग के लाभ के लिए दबाव बनाकर व्यापारी, उद्योगपति, किसान और औद्योगिक मजदूरों जैसे कई संगठन भी सत्ता में भागीदारी करते हैं।
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